इस बार वोटिंग पर पड़ सकती है कोरोना की मार!
- By Vinod --
- Thursday, 23 Dec, 2021
This time voting may be hit by Corona!
चंडीगढ़ (अर्थ प्रकाश/वीरेंद्र सिंह)। नगर निगम चंडीगढ़ के शुक्रवार को होने वाले चुनावों में इस मर्तबा कोरोना के चलते बीते चुनावों की तुलना में वोट प्रतिशत घट सकता है। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से सभी ६९४ बूथों पर केंद्र सरकार की एडवाइजरी के मुताबिक प्रबंध किये गये हैं, लेकिन बावजूद इसके कम वोटिंग की आशंका जतायी जा रही है। चुनाव आयोग ने हर बूथ पर मास्क, सैनेटाइजर व सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ दस्तानों का भी प्रबंध किया है, ताकि वोटर और चुनाव में तैनात मुलाजिम पूरी तरह सुरक्षित रहें।
इसके बावजूद लोगों में कोविड-१९ का डर देखा जा रहा है। हर बूथ पर चुनाव आयोग की ओर से प्रबंध किया गया है कि केवल एक हजार वोटर ही वोट डालें। भीड़ ज्यादा न हो इसको लेकर ऐसा प्रबंध किया गया है। बूथों के बाहर पुलिस मुलाजिम तैनात किये गये हैं। हर वोटर की थर्मल स्कैनिंग कर अंदर जाने दिया जायेगा। हर मर्तबा चुनाव रविवार को होते हैं, लेकिन इस बार चुनाव शुक्रवार को हैं। शनिवार को क्रिसमस का त्योहार है और अगले दिन रविवार है। लिहाजा लोग छुट्टियां देखते हुए घूमने भी निकल गये हैं। बीते दो निगम चुनावों में करीब ५७ प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
चुनाव को लेकर शहरवासियों, चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशियों, राजनीतिक दलों के नेताओं में इस बात को लेकर जिज्ञासा है कि इस बार आगामी पांच वर्षोँ के लिए होने जा रहे चुनावों में किस पार्टी को बहुमत मिलेगा, जिसके आधार पर वह अपनी सरकार और मेयर बना पायेगा।
हालांकि सभी दलों की ओर से विगत २-३ महीनों से अपने-अपने स्तर पर घर-घपर जाकर लोगों से संपर्क करने चुनावी रैलियां निकालने और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से शहर के मतदाताओं को लुभाने के प्रयास किये गये।
इसके अलावा अलग-अलग राज्यों से संबंधित पार्टियों के दिग्गज नेताओं, स्टार कैंपनर्स, राष्ट्रीय नेताओं, फिल्म अभिनेता, निर्माता, निर्देशक और गायकों को बुलाकर अपने-अपने पक्ष में प्रचार अभियान कराये गये। किंतु विगत बुधवार से शहर में सन्नाटा है। केवल सुरक्षा की दृष्टि से तैनात किये गये सुरक्षा कर्मियों की मुस्तैदी और सक्रियता बढ़ी है।
चुनाव अधिकारी अपने-अपने संबंधित पोलिंग स्टेशनों पर अपने संबंधित दस्तावेजों के साथ पहुंचकर अपने काम को अंजाम देंगे। फिलहाल इस चुनाव में जिसे जहां जाना है उसने अब तक अपना मन बना लिया है। इसके अलावा कोरोना महामारी का भय भी सता रहा है। उसके कारण भी शायद कुछ लोग जहमत लेना पसंद नहीं करेंगे। फिलहाल चुनाव तो चुनाव है, जिसके परिणा की जानकारी के लिए आगामी २७ दिसंबर २०२१ तक प्रतीक्षा करना होगी।
मौसम भी निभायेगा भूमिका
इसके अलावा मौसम में यदि बदलाव के चलते बारिश हो गई तो मतदान का प्रतिशत गिरकर नीचे आयेगा। क्योंकि आमतौर पर सामान्य मतदाता ऐसे चुनावों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते हैं। इसके चलते मतदान में कमी आने का लाभ ज्यादातर सत्तारुढ़ दल को मिलता रहा है। किंतु यदि सब कुछ ठीक रहा तो मतदान का प्रतिशत अपने शिखर तक भी पहुंच सकता है। यदि ऐसा होता है तो वह सत्तापक्ष के खिलाफ मतदाताओं के रोष का संकेत माना जाता रहा है। इसलिए मतदान प्रतिशत कम रहने पर भाजपा के पक्ष में चुनाव परिणाम होने का संकेत माना जायेगा। किंतु प्रतिशत ज्यादा होने पर उसे आम लोगों के क्रोध का भजन माना जाता है, जो संबंधित रूलिंग पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाने के संकेत के रूप में माना जाता रहा है।